Tuesday, January 1, 2019

बांसवाड़ा में अरथूना-माही महोत्सव की धूम 7 जनवरी से

तीन दिनों तक बिखरेंगे लोक संस्कृति के रंग  

बाँसवाड़ा, 1 जनवरी/ कला-संस्कृति और ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत के साथ नैसर्गिक सौंदर्यश्री को अपने आंचल में समाहित करने वाले बांसवाड़ा जिले को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए आगामी 7 से 9 जनवरी, 2019 को अरथूना-माही महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। 
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और वन विभाग के साथ-साथ गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय महोत्सव के ख्यातनाम शास्त्रीय और लोककलाकारों की प्रस्तुतियों के माध्यम से स्तरीय रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन होंगे। इन महोत्सव  के भव्य व सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन और जिला पर्यटन उन्नयन समिति द्वारा तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं और संबंधित विभागों को इसके लिए अपेक्षित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। 
राज्यमंत्री बामनिया 7 जनवरी को करेंगे रंगारंग शुरूआत: 
जिला कलक्टर गुप्ता ने बताया कि जिले की नैसर्गिंक संपदा, कला, संस्कृति के सौंदर्य को देश-दुनिया तक पहुंचाने की दृष्टि से पहली बार डिजीटल फोटो व विडियो प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी सूचना केन्द्र में 7 जनवरी को शुरू होगी। प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास (स्वतंत्र प्रभार), उद्योग एवं राजकीय उपक्रम विभाग के राज्यमंत्री श्री अर्जुनसिंह बामनिया के मुख्य आतिथ्य में इस प्रदर्शनी के शुभारंभ के साथ महोत्सव की शुरूआत होगी। प्रदर्शनी सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी और इसमें जिले की नैसर्गिंक संपदा, प्राचीन शिल्पसौंदर्य और पर्यटन स्थलों के फोटो-विडियो को एलईडी टीवी के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी तीन दिनों तक जनसामान्य के अवलोकन के लिए खुली रहेगी। 
कोणार्क फेस्टिवल की तर्ज पर होगा ‘अरथूना महोत्सव’: 
कलक्टर गुप्ता ने बताया कि महोत्सव के तहत 7 जनवरी की शाम दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता वाले जिले के सबसे महत्त्वपूर्ण और प्राचीन स्थल अरथूना में शास्त्रीय गीत-संगीत व नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। महोत्सव के दौरान अरथुना में रात्रि में कोणार्क फेस्टिवल की तर्ज पर प्राचीन मंदिरों पर विशेष रंगीन रोशनी की जाएगी तथा मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा। इन मंदिरों के आगे आकर्षक शास्त्रीय संगीत व नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी, इसके लिए देश के ख्यातनाम शास्त्रीय कलाकारों से संपर्क किया जा रहा है।  
जीजीटीयू करवाएगा बांसवाड़ा बर्डफेस्टिवल:   
कलक्टर गुप्ता ने बताया कि 8 जनवरी को कूपड़ा तालाब पर आयोजित होने वाले एक दिवसीय बांसवाड़ा बर्डफेस्टिवल के आयोजन की जिम्मेदारी गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय को दी गई है। बर्ड फेस्टिवल के आयोजन में देश-प्रदेश के बर्डवॉचर्स, बर्ड एक्सपर्ट्स के साथ शहर के समस्त निजी व सरकारी स्कूलों के लगभग 1 हजार विद्यार्थियों को बर्डवॉचिंग कराई जाएगी। इस मौके पर पूर्व की भांति क्विज एवं पेंटिंग प्रतियोगिता, फेस (टेटू) पेंटिंग, बर्ड्स की फोटो एवं स्टाम्प प्रदर्शनी के साथ तितलियों के जीवनचक्र की लाईव प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।  
कागदी पिक-अप-वियर का होगा प्रमोशन: 
कलक्टर ने बताया कि शहरवासियों को स्थानीय नैसर्गिक संपदा और संस्कृति से जोड़ने की दृष्टि से कागदी पिक-अप-वियर का प्रमोशन किया जा रहा है। इस बार फेस्टिवल के तहत 8 जनवरी की रात्रि इस आकर्षक उद्यान पर आकर्षक रोशनी की जाएगी तथा यहां पर मुक्ताकाशी रंगमंच स्थापित करते हुए लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। 
ये आयोजन भी होंगे: 
कलक्टर ने बताया कि महोत्सव के प्रति वातावरण निर्माण के लिए 6 जनवरी को शहर में एक बाईक रैली का आयोजन किया जाएगा वहीं 9 जनवरी को गेमन पुल पर नौकायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा इसमें नौकाओं को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ नोकाचालक तथा रंगारंग नौका को पुरस्कृत भी किया जाएगा।  
भव्य सांस्कृतिक निशा से होगा समापन: 
कलक्टर ने बताया कि अरथूना-माही महोत्सव का समापन कुशलबाग मैदान में 9 जनवरी की रात्रि को भव्य सांस्कृतिक निशा के माध्यम से होगा। इसमें देश-प्रदेश के ख्यातनाम लोक कलाकारों के साथ वागड़ में होली के प्रतिनिधि गैर नृत्य की प्रस्तुतियां लोगों का मन मोह लेंगी। इस आयोजन में रंगीन रोशनी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस समस्त आयोजनों के लिए कलक्टर ने 2 जनवरी को जिले के संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक आहूत की है। 
अरथूना-माही फेस्टिवल का लोगो








No comments:

Post a Comment