Saturday, December 29, 2018

वागड़ के पुराने शिल्प-स्थापत्य से रूबरू हुए नए कलेक्टर

समृद्ध इतिहास व शिल्प वैभव को विश्वमानचित्र पर स्थापित करने की जरूरत बताई
कलक्टर ने कहा - राजस्थान का हम्पी है अर्थूना
बांसवाड़ा, 29 दिसम्बर/ क्षेत्रीय भ्रमण पर निकले जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने शनिवार को जिले में दसवीं शताब्दी के परमारकालीन शिल्प-स्थापत्य को अपने आंचल में समाहित करने वाले अर्थूना मंदिर समूह को देखा और इसके शिल्प-वैशिष्ट्य की सराहना करते हुए इसे कर्नाटक में स्थित यूनेस्को की वर्डहेरिटेज हंपी जैसा बताया और कहा कि विश्वास ही नहीं होता कि इस प्रकार का समृद्ध शिल्प वैभव बाँसवाड़ा में विद्यमान है। 
आज दोपहर यहां पहुंचे कलक्टर ने सर्वप्रथम हनुमान मंदिर परिसर को देखा तथा इसके बाद वे प्राचीनता शिव पंचायतन मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहा शिवालय के गर्भगृह में स्थित शिवविग्रह के दर्शन किए और शिवालय के प्रस्तर शिल्प-सौंदर्य की सराहना की। उन्होंने इसे इस अंचल की अमूल्य धरोहर बताया। कलक्टर ने मंदिर परिसर और जहां-तहा पड़े मूल्यवान शिल्पाकृतियों का सुव्यवस्थित तरीके से किसी संग्रहालय में स्थापित करवाने की अपनी मंशा भी जाहिर की और कहा कि इस बारे में पुरातत्व विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। इस दौरान उन्हें पर्यटन उन्नयन समिति संरक्षक जगमालसिंह व ग्रामीणों ने यहां पर मंदिर समूह के स्थापित होने की किंवदंती के बारे में भी बताया गया। कलक्टर ने यहां म्यूज़ियम को भी देखा और इसमें सुरक्षित रखे शिल्पाकृतियों को बेशकिमती बताया।  
कलक्टर ने यहां मंदिर के पीछे स्थित तालाब में सारस क्रेन के एक जोड़े को देखकर भी प्रसन्नता जताई। उन्होंने इस तालाब के भी संरक्षण की बात कही तथा कहा कि अर्थूना मंदिर समूहों तक पर्यटकों को लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।  
अरथूना महोत्सव की व्यवस्थाओं पर भी हुई चर्चा:
कलक्टर ने इस दौरान अरथूना फेस्टिवल के तहत होने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी पर्यटन उन्नयन समिति संरक्षक जगमालसिंह व नितीन समाधिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस बार भी पूरे उत्साह के साथ यह महोत्सव आयोजित किया जाएगा।  इस मौके पर डीएफ़ओ सुगनाराम जाट, एसडीओ प्रभुदयाल शर्मा, विकास अधिकारी राजेश कुमार वर्मा भी मौजूद थे।

अरथूना मंदिर समूह का निरीक्षण करते कलक्टर आशीष गुप्ता।











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