Tuesday, January 8, 2019

तीन दिवसीय 'अरथूना-माही महोत्सव' का भव्य शुभारम्भ

बांसवाड़ा के पर्यटन दृष्टि से विकास के लिए होंगे पुरजोर प्रयास - राज्यमंत्री श्री बामनिया
बाँसवाड़ा, 7 जनवरी/ प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास (स्वतंत्र प्रभार), उद्योग एवं राजकीय उपक्रम विभाग के राज्यमंत्री श्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा है कि बांसवाड़ा जिला पर्यटन दृष्टि से बेहद समृद्ध है और इसके पर्यटन दृष्टि से विकास के लिए पुरजोर प्रयास किए जाएंगे। 
राज्यमंत्री बामनिया सोमवार को कला-संस्कृति और ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत के साथ नैसर्गिक सौंदर्यश्री को अपने आंचल में समाहित करने वाले बांसवाड़ा जिले को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास, पर्यटन, वन और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय रंगारंग अरथूना-माही महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर सूचना केन्द्र में आयोजित प्रदर्शनी के अवलोकन दौरान संबोधित कर रहे थे।  
उन्होंने कहा कि समृद्ध संस्कृति, इतिहास व पुरातत्व वाले बांसवाड़ा जिले पर प्रकृति ने भी जिले पर अपनी मेहर बरसायी है जिससे यहां हरियाली का साम्राज्य भी है। उन्होंने उदयपुर आने वाले पर्यटकों को बांसवाड़ा जिले की ओर उन्मुख करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि हमें यहां बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विकास की ओर भी प्रयास करने की जरूरत है। 
अभयारण्य बनाने के होंगे प्रयास:
राज्यमंत्री ने जिला मुख्यालय से सटे जंगलों को अभयारण्य के रूप में विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यदि ऐसा होता है तो यहां के निवासियों के लिए पर्यटन भी एक व्यवसाय बन सकेगा और गरीब लोगों के लिए आजीविका का दूसरा स्रोत भी विकसित हो सकेगा। उन्होंने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से इस दिशा में प्रयास करने का संकल्प जताया। 
राज्यमंत्री ने की प्रदर्शनी की सराहना:
आज सुबह सूचना केन्द्र में आयोजित डिजीटल फोटो-विडियो प्रदर्शनी के शुभारंभ के लिए पहुंचे राज्यमंत्री बामनिया का जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, जिला परिषद सीईओ डॉं. भंवरलाल, पर्यटन उन्नयन समिति संरक्षक जगमालसिंह, जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, सहायक निदेशक कल्पना डिण्डोर आदि ने पुष्पहार से स्वागत किया। इसके पश्चात राज्यमंत्री ने फीता काटकर प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ किया। जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा ने राज्यमंत्री बामनिया को प्रदर्शनी का अवलोकन कराया और इसमें प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी दी। युवा चित्रकार शिफा हुसैन की पेंिटंग्स के साथ फोटोग्राफर दिनेश जैन पालरेचा, कमलेश शर्मा, भरत कंसारा, हार्दिक लोढ़ा, यश सर्राफ, जुगल बेहरानी और तृपल मेहता के द्वारा लिए गए जिले की नैसर्गिंक संपदा, प्राचीन शिल्पसौंदर्य और पर्यटन स्थलों के फोटोग्राफ्स को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदर्शनी मंे 8 एलईडी टीवी और एक प्रोजेक्टर के माध्यम से जिले के सौंदर्य को प्रदर्शित करने वाले विडियो, डाक्यूमेंटरी-मैं बांसवाड़ा हूं, सतरंगी राजस्थान तथा जिले के पुरा वैभव को दर्शाने वाले विडियो को प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी तीन दिनों तक जनसामान्य के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।
सौ साल से भी अधिक पुराने फोटो को देखकर जताई प्रसन्नता: 
प्रदर्शनी में पूर्व राजपरिवार द्वारा संकलित किए गए बांसवाड़ा जिले के एक सौ से अधिक साल पुराने फोटोग्राफ्स को एलईडी टीवी पर दिखाया गया था। पूर्व राजपरिवार के जगमालसिंह ने प्रदर्शित फोटोग्राफ्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पुराने फोटोग्राफ्स को देखने में राज्यमंत्री ने दिलचस्पी दिखाई तथा कहा कि इस प्रकार से पुराने स्मृतियों का डिजीटलाईजेशन से संग्रहण आवश्यक है।  
शिफा की कला को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई:  
प्रदर्शनी में युवा चित्रकार शिफा हुसैन की पेंिटंग्स को देखकर राज्यमंत्री ने खुशी जताई और उसकी कला की तारीफ करते हुए कहा कि उसकी कला को प्रोत्साहित करने में वे हरसंभव मदद करेंगे। उन्होंने इस कार्य को लगातार जारी रखने की भी बात कही तथा उसके पिता शराफत खान से कहा कि इसकी पढ़ाई को रूकने नहीं देना। 
शुभारंभ अवसर पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं पर्यावरण प्रेमी विक्रमसिंह, समाजसेवी निमेष मेहता, जैनेन्द्र त्रिवेदी, शैलेन्द्र भट्ट, आशीष मेहता, देवबाला राठौड़, जाहिद अहमद सिंधी, न्याजुल्ला खान,सुनिल दोसी, ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी, एलएनजे मयूर मिल के मनोज शाह, सहकारिता एमडी अनिमेश पुरोहित, टीएडी परियोजना अधिकारी विजयेश पण्ड्या सहित बड़ी संख्या में शहरवासी और अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। 
विशाल बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल आज
नौनिहालों को आज दिखाएंगे परिंदों की रंगीन दुनिया
बांसवाड़ा, 4 जनवरी/जिले की समृद्ध नैसर्गिक विविधता से भावी पीढ़ी को साक्षात कराने के उद्देश्य से ‘बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल’ का आयोजन मंगलवार को किया जाएगा। गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय और वन विभाग के सहयोग से आयोजित हो रहे इस फेस्टिवल में नौनिहालों को परिंदों की रंगीन दुनिया से साक्षात कराया जाएगा।   
एक्सपर्ट्स दिखाएंगे परिंदों की रंगीन दुनिया: 
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन के तहत विद्यार्थियों और आम जनों को परिंदों को मंगलवार सुबह 8 से 12 बजे तक पक्षी दर्शन कार्यक्रम के तहत परिंदों की रंगीन दुनिया को दिखाया जाएगा। इसमें जिला मुख्यालय व आसपास के 22 चुनिंदा स्कूलों से कक्षा 9 से 11 तक की कक्षा के लगभग 1000 विद्यार्थियों को कूपड़ा  तालाब में जलक्रीड़ा करने वाले स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों को दिखाया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए वन विभाग द्वारा विशेष रूप से बायनाकूलर्स और स्पोटिंग स्कॉप मंगवाएं गए हैं जिनके माध्यम से विशेषज्ञ विद्यार्थियों को रंग-बिरंगे पक्षियों और उनकी जलक्रीड़ाओं को दिखाते हुए उनकी विशेषताओं के बारे में बताएंगे। इस मौके पर यहां पर एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें जिले में पाए जाने वाले पक्षियों के बारे में बताया जाएगा। इस दौरान पहुंचने वाले शहरवासियों व ग्रामीणों को भी पक्षी विशेषज्ञों के सहयोग से बर्डवॉचिंग करवाई जाएगी। 
प्रतियोगिता और फेस पेंटिंग का रहेगा आकर्षण:  
बर्ड फेस्टिवल संयोजक व उप निदेशक (जनसंपर्क) कमलेश शर्मा ने बताया कि बर्डवॉचिंग स्थल पर ही पक्षियों से संबंधित क्विज और पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की सूची शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि टेटू के प्रति बच्चों के आकर्षण को देखते हुए बर्डफेयर के तहत बच्चों के चेहरों पर पक्षियों के टेटू उकेरते हुए फेस पेंटिंग एक्टिविटी भी करवाई जाएगी। इसके लिए उदयपुर से टेटू आर्टिस्ट निर्मल यादव व अन्य एक्सपर्ट का एक दल 7 जनवरी की शाम को बांसवाड़ा पहुंचेगा। 
डाक टिकटों पर दिखेगा परिंदों का संसार:   
प्रदर्शनी स्थल पर विश्वभर में पक्षियों पर जारी किए गए डाक टिकटों की विशाल प्रदर्शनी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस प्रदर्शनी के तहत उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा द्वारा भारत सहित विश्व के 302 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए 8000 से अधिक डाक टिकटों को प्रदर्शित किया जाएगा। इन डाक टिकटों मंे विश्व में सबसे पहले पश्चिमी आस्ट्रेलिया में 1871 में स्वान पर जारी किया गया डाक टिकट भी प्रदर्शित किया जाएगा।      
तितलियों के जीवनचक्र का होगा जीवंत प्रदर्शन:
प्रदर्शनी में पहली बार चार तितलियों के जीवनचक्र का लाईव प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसमें तितलियों पर शोध कर रहे डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे के तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार द्वारा तितलियों के जीवनचक्र के फोटोग्राफ्स के साथ होस्ट प्लांट पर अण्डे, लार्वा व प्यूपा का लाईव प्रदर्शन किया जाएगा तथा तितलियों के जीवनचक्र के बारे में जानकारी दी जाएगी।  
बर्ड एक्सपर्ट्स पहुंचे: 
बर्डफेस्टिवल में बतौर एक्सपर्ट्स प्रदेशभर से बर्डएक्सपर्ट्स बांसवाड़ा पहुंच चुके हैं। बर्डफेस्टिवल के लिए  रिटायर्ड आईएएस व वाईल्ड लाईफ विशेषज्ञ विक्रमसिंह, सीईई अहमदाबाद के पूर्व एक्सपर्ट संतोष गुप्ता, कपासन से उज्जवल दाधिच, उदयपुर से विनय दवे, प्रदीप सुखवाल, जीके तिवारी, डूंगरपुर से वीरेन्द्रसिंह बेड़सा, रूपेश भावसार, मुकेश द्विवेदी, राजेश परमार सहित कई विशेषज्ञ बांसवाड़ा पहुंच चुके है।  
बर्डफेस्टिवल फोल्डर का हुआ विमोचन
जिला प्रशासन की पहल पर गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय और वन विभाग के सहयोग से आयोजित हो रहे बांसवाड़ा फेस्टिवल के तहत नौनिहालों को दिए जाने वाले फोल्डर का विमोचन सोमवार को जनजातीय विश्वविद्यालय में किया गया। 
आज अपराह्न में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनसिंह, बर्डफेस्टिवल संयोजक व जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा तथा परीक्षा नियंत्रक नरेन्द्र पानेरी ने फोल्डर का विमोचन किया। कुलसचिव ने इस आयोजन को विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताया तथा कहा कि विश्व में सबसे तेजी से फैल रही हॉबी के रूप में बर्डवॉचिंग के प्रति इस अंचल में पिछले कुछ सालों में जागरूकता बढ़ी है। 












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