Thursday, January 3, 2019

अरथूना-माही महोत्सव : अंतर्राष्ट्रीय कलाकार पं. विश्व मोहन भट्ट की होंगी प्रस्तुति

मोहन वीणा के सुरों से सजेगी अरथूना की शास्त्रीय संगीत निशा
बाँसवाड़ा, 3 जनवरी/ कला-संस्कृति और ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत के साथ नैसर्गिक सौंदर्यश्री को अपने आंचल में समाहित करने वाले बांसवाड़ा जिले को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए 7 से 9 जनवरी, 2019 तक आयोजित होने वाले अरथूना-माही महोत्सव के अरथूना में होने वाले रंगारंग आगाज में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकार व विश्व के सबसे बड़े ग्रेमी अवार्ड से सम्मानित पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देंगे।  
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि जिले में खजुराहो के समकालीन और दसवीं शताब्दी के पुरातात्विक महत्ता वाले अरथूना मंदिर समूह की विलक्षणता को देश-दुनिया तक पहुंचाने की दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कलाकार ग्रेमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट को आमंत्रित किया गया है। विश्वविख्यात ग्रेमी अवार्ड से सम्मानित पं. भट्ट 7 जनवरी को शाम 6 बजे आयोजित होने वाली रंगारंग शास्त्रीय संगीत निशा में तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट के साथ अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उनके साथ हिमांशु महंत तबले पर संगत करेंगे। उन्होंने बताया कि पं. भट्ट को सुनने के लिए न सिर्फ जिले अपितु दूर-दराज से संगीत रसिकों के पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां आरंभ कर दी हैं।  
मोहन वीणा के जनक हैं पंडित विश्व मोहन भट्ट 
भारतीय शास्त्रीय संगीत और संगीतकारों की विश्व-पटल पर विशिष्ट पहचान बनाने में जिन संगीतकारों का सबसे बड़ा योगदान है उनमें पद्म भूषण एवं पद्म श्री पंडित विश्व मोहन भट्ट का नाम विशेष महत्त्व रखता है। 
पंडित विश्व मोहन भट्ट भारतीय संगीत की प्रमुख हस्तियों में से एक हैं।  ये पंडित रविशंकर के शिष्यों में से एक हैं। ये मोहन वीणा के जनक हैं। इन्हें वर्ष 1994 में विश्वप्रसिद्ध ग्रेमी अवार्ड से, 2002 में पद्मश्री सम्मान, वर्ष 2012 में राजस्थान रत्न तथा वर्ष 2015 में तानसेन सम्मान से विभूषित किया गया है। वर्ष 2017 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया है। इसके साथ-साथ पं. भट्ट को संगीत नाटक अकादमी, म्यूजिक साइंटिस्ट, तंत्री सम्राट एवं दो बार ग्लोबल म्युजिक अवार्ड के अलावा अन्य कई सम्मानों से नवाजा गया है। रशिया की प्रतिष्ठित सेंट पीटरबर्ग यूनिवर्सिटी ने आपको आनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की है। उन्होंने ना केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत को व्यापकता दी है बल्कि मोहन-वीणा के रूप में भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के अनूठे सम्मिश्रण की संभावना को जन्म दिया है। 
मात्र सत्रह वर्ष की उम्र में मोहन वीणा को जन्म दिया:    
पंडित विश्व मोहन भट्ट का जन्म 1950 में जयपुर के उस परिवार में हुआ है जहाँ लगभग 300 वर्षों से संगीत की सेवा और साधना को ही धर्म और कर्म माना जाता है। संगीत उन्हें वंशानुगत और वातावरण में मिला है इसलिए संगीत की तरफ नैसर्गिक रुझान स्वाभाविक था लेकिन उनकी अपनी विलक्षण प्रतिभा का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि 1960-70 के दशक में जब भारत का युवा वर्ग पाश्चात्य संगीत का अनुसरण कर रहा था तब गिटार जैसे पश्चिमी वाद्य का शास्त्रीयकरण करके विश्व मोहन ने विश्व को मोहन-वीणा जैसा अनुपम वाद्य भेंट कर दिया। उस समय उनकी उम्र मात्र सत्रह वर्ष थी।
इस अद्भुत वाद्य कि विशेषता ये है कि इसमें तंत्रकारी और गायन दोनों अंगो का समावेश है। विगत 50 वर्षों से देश-विदेशों में होने वाले लगभग सभी बड़े संगीत समारोहों में उन्हें आमंत्रित किया जाता है एवं विशेष सम्मान दिया जाता है। इन्होंने 80 से अधिक देशों में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं। 
बुलेट रैली से होगा अरथूना-माही महोत्सव का वातावरण निर्माण
तीन दिवसीय भव्य अरथूना-माही महोत्सव से आमजन को जोड़ने तथा वातावरण निर्माण के लिए 6 जनवरी को बुलेट रैली आयोजित की जाएगी। यह रैली रविवार सुबह 9 बजे शहर के भोजापालिया स्थित श्रीपैलेस के नज़रबाग मैदान से प्रारंभ होगी।   
शहर में 18 किलोमीटर घुमेगी बुलेट रैली
बुलेट रैली शुभारम्भ के बाद सिंटेक्स गेट के सामने से खांदू कॉलोनी, बाहुबली कॉलोनी, कॉलेज रोड प्रताप सर्कल, हाउसिंग बोर्ड, गणेश दूध डेयरी, साजन-सजनी वाटिका मार्ग होते हुए रातीतलाई, उदयपुर रोड़, मोहन कॉलोनी, पोस्ट ऑफिस सर्कल, नई आबादी, पालारोड, पुलिस कन्ट्रोल रूम, कुशलबाग, गांधी मूर्ति, चंद्रपोल गेट, पीपली चौक, राम मंदिर, भोजापालिया, महालक्ष्मी चौक, सदर बाजार, आजाद चौक, सूरजपोल, वनेश्वर मंदिर होते हुए समाई माता पहाड़ी पर मंदिर पहुंचेगी। समाई माता मन्दिर में पूजा-अर्चना के साथ ही रैली का समापन होगा। 50 से अधिक बाईकर्स होंगे शामिल
बुलेट रैली में 50 से अधिक बाईकर्स शामिल होंगे। रैली में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। जिसमें अभी तक 30 से अधिक बाईकर्स ने अपनी सहमति दी है। प्रशासन की ओर से निर्धारित सीमा तक ही बाईकर्स रैली में भाग ले सकेंगे। 
व्यवस्थाओं के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त
जिले को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए आयोजित हो रहे तीन दिवसीय अरथूना-माही महोत्सव को सफल बनाने के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है। 
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि संपूर्ण महोत्सव के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर हिम्मतसिंह बारहठ को नोडल अधिकारी बनाया गया है वहीं 6 जनवरी को होने वाली बाईक रैली के लिए प्रभारी यातायात पुलिस शहर बांसवाड़ा व जिला परिवहन अधिकारी बांसवाड़ा को प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह 7 जनवरी को सूचना केन्द्र में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी के लिए उपनिदेशक (जनसम्पर्क) व अरथूना मन्दिर परिसर में आयोजित होने वाली क्लासिकल नाईट के लिए गढ़ी व अरथूना विकास अधिकारी एवं पर्यटन अधिकारी को, 8 जनवरी को कूपड़ा तालाब पर पक्षी दर्शन के लिए उप वन संरक्षक, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव व उपनिदेशक (जनसम्पर्क) को प्रभारी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि 8 जनवरी शाम कागदी पिक-अप-वियर पर आयोजित होने वाले कागदी फेस्ट एवं संगीत संध्या के लिए बांसवाड़ा उपखण्ड अधिकारी को प्रभारी तथा माही के अधीक्षण अभियंता व जिला पर्यटन अधिकारी को सहायक प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा 9 जनवरी को महाराणा प्रताप सेतु (गेमन पुल) पर आयोजित बोट रेस के लिए छोटी सरवन विकास अधिकारी को प्रभारी एवं माही के अधीक्षण अभियंता, छोटीसरवन तहसीलदार, जिला पर्यटन अधिकारी, मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक को सहायक प्रभारी नियुक्त करते हुए संबंधित व्यवस्थओं के लिए तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संगीतकार पं.विश्वमोहन भट्ट
जो 7 जनवरी को अरथूना में प्रस्तुति देंगे।








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