Wednesday, January 9, 2019

कूपड़ा तालाब पर सजा परिंदों का मेला

बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल में उमड़े नौनिहाल
बांसवाड़ा, 8 जनवरी/जिला प्रशासन की पहल पर गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय व वन विभाग के तत्वावधान मंे मंगलवार को विशाल  ‘बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल’ का आयोजन किया गया। फेस्टिवल के तहत शहर के समीप कूपड़ा तालाब लगभग दो हजार विद्यार्थियों के साथ ग्रामीणों व शहरवासियों ने भी इस आयोजन का लाभ उठाया। इस दौरान देश-प्रदेश के पक्षीविशेषज्ञ व पर्यावरणप्रेमियों ने भाग लिया। मेले में पक्षियों पर आधारित फोटो व स्टेम्प प्रदर्शनी के साथ फेस (टेटू) पेंटिंग जनाकर्षण का केन्द्र रहा। 
बर्डफेस्टिवल को देखने के लिए गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोढाणी, जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, सेवानिवृत्त आईएएस व पर्यावरण विशेषज्ञ विक्रम सिंह, सीईई अहमदाबाद के पूर्व एक्सपटर््स संतोष गुप्ता, उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट, जिला परिषद सीईओ डॉ.भंवरलाल, पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमाल सिंह, जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनसिंह, शोध निर्देशक महिपालसिंह राव, पुष्पेन्द्र पण्ड्या, टीएडी परियोजना अधिकारी विजयेश पण्ड्या, कूपड़ा सरपंच राजू डामोर सहित कई अधिकारी भी यहां पहुंचे व नौनिहालों के साथ बर्डवॉचिंग का लुत्फ उठाया। इस दौरान अतिथियांे व बच्चों ने बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल के तहत लगाई गई पक्षियों के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया व मौजूद एक्सपर्ट्स से जानकारी ली। बर्डफेस्टिवल संयोजक कमलेश शर्मा ने अतिथियों को प्रदर्शनी का अवलोकन कराते हुए विविध प्रभागों की जानकारी दी। 
बर्ड एक्सपर्ट्स ने दिखाई परिंदों की दुनिया: 
बर्डफेस्टिवल में बतौर एक्सपर्ट्स प्रदेशभर से बर्डएक्सपर्ट्स को बांसवाड़ा बुलाया गया था जिसमें से रिटायर्ड आईएएस व वाईल्ड लाईफ विशेषज्ञ विक्रमसिंह, सीईई अहमदाबाद के पूर्व एक्सपर्ट संतोष गुप्ता, अजमेर से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के प्रो. प्रवीण माथुर, डॉ. विवेक शर्मा, दिवाकर यादव, आकांक्षा वर्मा, संगीता पाटन, प्रणय वीरमानी.उदयपुर से विनय दवे, प्रदीप सुखवाल, डूंगरपुर से वीरेन्द्रसिंह बेड़सा, रूपेश भावसार, मुकेश द्विवेदी व राजेश परमार, कपासन से उज्जवल दाधिच, बांसवाड़ा के दिनेश जैन, लखन खंडेलवाल, भरत कंसारा आदि विशेषज्ञों ने यहां पहुंचे विद्यार्थियों को बर्डवॉचिंग करवाई और परिंदों की रंगीन दुनिया से साक्षात्कार करवाया। 
अल सुबह शुरू हो गई बर्डवॉचिंग:
बर्ड फेस्टिवल के तहत विद्यार्थियों के साथ पहुंचे आम जनों को भी परिंदों की रंगीन दुनिया को दिखाया गया। मंगलवार को सुबह से विद्यार्थियों व आमजन का पक्षी दर्शन कार्यक्रम आरम्भ हुआ। जिसमें जिला मुख्यालय व आसपास के स्कूलों से कक्षा 9 से 11 तक की कक्षा के लगभग एक हजार से अधिक विद्यार्थीयहां पहुंचे और पक्षियों की जलक्रीड़ाओं के साथ आसमां में उन्मुक्त उड़ान को देखने के आनंद का संवरण किया।  इस दौरान एक्सपर्ट्स ने बायनाकूलर्स और स्पोटिंग स्कॉप के माध्यम से विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को रंग-बिरंगे पक्षियों और उनकी जलक्रीड़ाओं को दिखाया तथा विशेषताओं के बारे में बताया। मौके पर फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। जिसमें जिले में पाए जाने वाले पक्षियों के बारे में सचित्र जानकारी दी गई।  
टेटू पेंटिंग के लिए लगी कतारें, उठाया दूध-जलेबी का लुत्फ:
बर्डवॉचिंग स्थल पर ही पक्षियों से संबंधित क्विज और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बच्चों के चेहरों पर पक्षियों के टेटू उकेरते हुए टेटू आर्टिस्ट जयेश चिकलीगर के साथ बांसवाड़ा के शिवशंकर वैष्णव चीकू तथा आशीष शर्मा के दल ने बच्चों के हाथों व चेहरों पर परिंदों के टेटू उकेरे। इस दौरान विभिन्न पक्षियों, मयूर पंख के साथ अलग-अलग पर की आकृतियों के टेटू बनाएं गए। जनजातीय विश्वविद्यालय के पुष्पेन्द्र पण्ड्या सहित कई वरिष्ठजनों ने भी हाथ पर पक्षियों का टेटू बनवाया। टेटू बनवाने के दौरान छोटे बालक-बालिकाओं के साथ ही युवा व वरिष्ठजनों का भी खासा उत्साह नज़र आया। इस दौरान विद्यार्थियों के साथ अतिथियों और विद्यार्थियों के लिए खास तौर पर दूध-जलेबी की व्यवस्थाएं भी की गई थी।
डाक टिकटों पर परिंदों के संसार ने किया आकर्षित
प्रदर्शनी स्थल पर विश्वभर में पक्षियों पर जारी किए गए डाक टिकटों की विशाल प्रदर्शनी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। इसके लिए उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा द्वारा भारत सहित विश्व के 302 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए 8000 से अधिक डाक टिकटों को प्रदर्शित किया गया था। इन डाक टिकटों मंे पश्चिमी आस्ट्रेलिया में 1871 में स्वान पर जारी किया गया डाक टिकट भी प्रदर्शित किया गया। अतिथियों के साथ बच्चों ने खासतौर पर इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जानकारी ली। 
तितलियों के जीवनचक्र का हुआ जीवंत प्रदर्शन
प्रदर्शनी में पहली बार चार तितलियों के जीवनचक्र का लाईव प्रदर्शन भी किया गया। इसमें तितलियों पर शोध कर रहे डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे के तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार द्वारा तितलियों के जीवनचक्र के फोटोग्राफ्स के साथ होस्ट प्लांट पर अण्डे, लार्वा व प्यूपा का लाईव प्रदर्शन किया गया तथा तितलियों के जीवनचक्र के बारे में जानकारी दी गई। तितलियों के जीवनचक्र को लाईव देखकर कलक्टर गुप्ता, विश्वविद्यालय के कुलपति सोढाणी सहित अतिथियों व बच्चें भी रोमांचित हो उठे और उन्होंने तरह-तरह के प्रश्नों के माध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान किया। 
विश्वविद्यालय और वन विभाग की टीम रही सक्रीय:
बर्डफेस्टिवल में इस बार गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के साथ वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम विशेष रूप से सक्रीय दिखी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनसिंह और वन विभाग के एसीएम दिलीपसिंह के निर्देशन में दोनों संस्थानों के कार्मिकों ने व्यवस्थाएं संभाली। दूसरी तरफ सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के निर्देशन में राजेन्द्र जैन, वासुदेव सुथार, भंवरलाल गर्ग, हरेन्द्रसिंह, अमित शाह, प्रीतेश पण्ड्या, आशीष उपाध्याय, मयूरध्वज, नरेश जोशी, महेन्द्र, सुमित शर्मा, आदित्य पंवार, वैभव आदि ने भी प्रदर्शनी व प्रतियोगिताओं का आयोजन सुचारू करवाया। 
बर्डफेस्टिवल दौरान 65 प्रजातियों के पक्षियों की उपस्थिति दर्ज: 
बर्डफेस्टिवल दौरान 65 प्रजातियों के पक्षियों के साथ आज कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों को देखा गया। अजमेर के पक्षी विशेषज्ञ डॉ. विवेक शर्मा व उदयपुर के पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे  ने बताया कि कूपड़ा तालाब पर आयोजित बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल के दौरान दुर्लभ दिखने वाला रायनेक पक्षी को बहुत समय बाद देखा गया। उन्होंने बताया कि यह प्रवासी पक्षी सर्दी की शुरूआत में आता है और आमतौर पर सहज नहीं दिखाई देता है। इसे हिन्दी में विलोपानोरंजन भी कहा जाता है तथा इसकी आवाज से ही इसे पहचानना आसान होता है। 
 इसी तरह लिटील कोरमोरेन्ट, रेट वेटेड लेपविंग, रेड शेंक, रीवर टर्न, विस्कर्ड टर्न, कॉमन कूट, कॉमन मोरहेन, पर्पल स्वामफेन, पीसेन्ट टेल जेकाना, कॉटन पीग्मी गूज, ग्रे लेग गूज, मार्श हेरीयर, क्रेस्टल, ब्लेक शॉल्डर काईट, लोंग टेल्ड श्राईक, साइबेरियन स्टोनचेट, यूरेशियन व्रेनेक, एशियन पेड स्टरलिंग, ब्लेक विंग स्टिल्ट, पर्पल हेरोन, ग्रे हेरोन, इंडियन पोंड हेरोन, ग्लोसी इबीस, ब्लेक हेडेड इबीस, वायर टेल स्वेलो, कॉमन टेल, ब्लेक इबीस, ब्वाईट ब्रेस्टेड वाटर हेन, पेडी फिल्ड पीपीट, नॉर्दन शेवलॉर, ब्रोन रोक चेट, इंडियन रॉबिन, रडी शलडेक सहित 65 से अधिक प्रजातियों के पक्षी नज़र आए।

कूपड़ा तालाब पर कूचीकारों ने किया कला का प्रदर्शन

बाँसवाड़ा, 8 जनवरी/अरथूना-माही फेस्टिवल के तहत मंगलवार को कूपड़ा तालाब पर बर्ड फेयर लगाया गया। जहां पर विद्यालयी छात्र-छात्राओं ने कूची चलाकर पक्षियों की रंगीन दुनिया को उकेरा। उत्साही विद्यार्थियों ने चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता के उपरान्त चित्रकला व क्विज प्रतियोगिता के श्रेष्ठ 10-10 विजेताओं का चयन किया गया। इन समस्त विजेताओं को बुधवार को कुशलबाग मैदान मंे आयोजित होने वाली सांस्कृतिक निशा में सम्मानित किया जाएगा। 
प्रतियोगिताओं के प्रभारी एवं नगर स्कूल के प्राचार्य सुशील जैन ने बताया कि चित्रकला प्रतियोगिता में अंकूर सी.सै. स्कूल की आंचल सिंह, सेण्ट मैथ्युज पब्लिक स्कुल की रचना गरासिया, न्यू लुक उमावि के प्रिन्स सोमपुरा, अंकुर सी.सै. स्कुल के मेहुल राठौड़, ऑनिक सै. स्कुल की मीना दामा, राउमावि कूपड़ा के दीपन शर्मा, आदित्य पब्लिक सी.सै. स्कुल के आसफा खाँ, रा नगर उमावि के मोहम्मद अदनान, रा नूतन उमावि कार्तिक बुनकर एवं कल्पवृक्ष विज्ञान क्लब के राज व्यास का श्रेष्ठ दस चित्रकार के रूप में चयन किया गया।
क्विज प्रतियोगिता में सेंट मेथ्यूस की दिशी जैन, अंकुर सी. स्कूल की तनिशा राठौड़, रा नगर उमावि के करण बाथम, आदित्य पब्लिक स्कूल के अथिक खान, रा नूतन उमावि गुंज पारगी, ओनिक मा.वि. के डिम्पल मछार, उमावि लोधा की मनीषा पाटीदार, न्यू लुक लोधा के जय नानावटी, उमावि कूपड़ा के गिरीश डिंडोर एवं आशीर्वाद पब्लिक स्कूल की ईशरत शेख टॉप टेन रहे।
यह रहे निर्णायक
चित्रकला प्रतियोगिता के निर्णायक गजेन्द्र आचार्य, अमित सोनी व शिवशंकर वैष्णव थे जबकि क्विज प्रतियोगिता के निर्णायक अब्दुल रज्जाक भट्टी, हरेन्द्र सिंह व महेश पंचाल थे। चित्रकला के लिए विषय प्रकृति व पक्षी था। क्विज प्रतियोगिता में 30 मिनिट में 30 प्रश्नों को हल करना था।
सूचना केन्द्र में लगी प्रदर्शनी की देश-प्रदेश के बर्डएक्सपर्ट्स ने की सराहना
कहा - डिजीटल प्रदर्शनी पहला व अनूठा प्रयास

बाँसवाड़ा, 8 जनवरी/आमतौर पर प्रदर्शनी मंे फोटो के पिं्रट आउट का प्रदर्शन किया जाता है परंतु डिजीटल रूप से आठ एलईडी टीवी पर फोटो-विडियो का प्रदर्शनी प्रदेश का पहला व अनूठा प्रयास है और इस प्रकार के आयोजन नैसर्गिक व सांस्कृतिक परिवेश को जीवंत स्वरूप में प्रदर्शित करने का सशक्त माध्यम बनते हैं। यह उद्गार मंगलवार को सूचना केन्द्र में पहुंचे अहमदाबाद और अजमेर के बर्डएक्सपटर््स ने अरथूना-माही महोत्सव के तहत लगाई गई फोटो-विडियो डिजीटल प्रदर्शनी के अवलोकन दौरान व्यक्त किए। 
सीईई अहमदाबाद के पूर्व एक्सपर्ट संतोष गुप्ता व जयंती भाई के साथ अजमेर से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के प्रो. प्रवीण माथुर, डॉ. विवेक शर्मा, दिवाकर यादव, आकांक्षा वर्मा, संगीता पाटन, प्रणय वीरमानी, आर्टिस्ट सिराज खां, बबलू भाई आदि ने आज सूचना केन्द्र में इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए सराहना की। जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा ने अतिथियों को प्रदर्शनी का अवलोकन कराया और इसमें प्रदर्शित विषयवस्तु की जानकारी दी। इस दौरान अतिथियों ने युवा चित्रकार शिफा हुसैन की प्रकृति पर आधारित मनोहारी पेंिटंग्स के साथ फोटोग्राफर दिनेश जैन पालरेचा, कमलेश शर्मा, भरत कंसारा, हार्दिक लोढ़ा, यश सर्राफ, जुगल बेहरानी और तृपल मेहता के द्वारा लिए गए जिले की नैसर्गिंक संपदा, प्राचीन शिल्पसौंदर्य और पर्यटन स्थलों के फोटोग्राफ्स को देखकर खुशी जताई।  उन्होंने प्रदर्शनी मंे 8 एलईडी टीवी और एक प्रोजेक्टर के माध्यम से जिले के सौंदर्य को प्रदर्शित करने वाले विडियो तथा जिले के पुरा वैभव को दर्शाने वाले विडियो को भी देखा और सराहा। यह प्रदर्शनी अगले दो दिनों तक जनसामान्य के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।



























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